Description
मधुमेह (डायबिटीज) से डरे नहीं, मुकाबला करें 100% आयुर्वेदिक औषधि ग्लूकोमाइन-एम कैप्सूल के साथ
(अपनायें Glucomine-M और पाएं फ्री डाइट चार्ट)
पैकेज डिटेल:
ग्लूकोमाइन-एम कैप्सूल्स की 2 बॉटल्स (कुल 90 कैप्सूल्स) + डाइट चार्ट
लेने का तरीका: 1 कैप्सूल दिन में 3 बार खाने से 30 मिनट पहले या फिजिशियन के अनुसार
मधुमेह / शुगर को मैनेज करने की आयुष एप्रूव्ड एवं 100% आयुर्वेदिक औषधि Glucomine -M को आयुर्वेदिक
और साइंटिफिक तरीके से कई दुर्लभ और अनमोल जड़ी बूटियों के विशेष समायोजन द्वारा एवं अनुभवी
एक्सपर्ट्स की देखरेख में तैयार किया जाता है।
डायबिटीज / मधुमेह होने के कारण
डायबिटीज को स्लो पॉइज़न या धीमा जहर भी कहा जाता है जो शरीर में कब आ जाती है इस बात का पता चलते-चलते काफी देर हो चुकी होती है। कई बार मरीज को इसका पता तब चलता है जब डायबिटीज की वजह से शरीर में कुछ साइड इफेक्ट्स होने शुरू होते हैं जैसे धुंधला दिखना, अधिक पेशाब आना, थकान ज्यादा लगना, घाव या चोट ठीक होने में अधिक समय लगना, हाथ - पाँव सुन्न पड़ना, अचानक से वजन काम होना आदि।
डायबिटीज अनुवांशिक होती है लेकिन आज कल कई केसेस में लाइफ स्टाइल में गड़वड़ी, अधिक तनाव या चिंता, डिप्रेशन, आलस्य या शारीरिक गतिविधि कम करना आदि की वजह से भी यह समस्या लोगों को कम उम्र में होने लगी है।
ग्लूकोमाइन-एम कैप्सूल आयुर्वेद का एक ऐसा वरदान है जिसमें कई दुर्लभ जड़ी बूटियों का समावेश है जो की आयुर्वेद और वैज्ञानिक पद्धति द्वारा कई स्तर के परीक्षणों के बाद तैयार की गयी है। यह दवा पूरी तरह से आयुर्वेदिक और आयुष द्वारा प्रमाणित है जिसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है।
इस दवा से महज़ 15 दिनों में ही आराम मिलना शुरू हो जाता है और ज्यादातर (90% ) केसेस में 3 महीने में पूरी तरह से समस्या नियंत्रण में आ जाती है। दवा का सेवन लम्बे समय (लगभग 1 वर्ष) तक करने से इस समस्या से निजात पाया जा सकता है।
यह दवा कैसे काम करती है?
ग्लूकोमाइन-एम कैप्सूल्स को इस तरह से तैयार किया गया है की यह हमारे पैंक्रियास (अग्नाशय) में बीटा सेल्स को मजबूती प्रदान करने के साथ - साथ पैंक्रियास की इन्सुलिन स्रावित करने की क्षमता को सामान्य बनाने में मदद करता है और जिसके फलस्वरूप रक्त में बढ़ी हुई शुगर की मात्रा को कम करके ब्लड ग्लूकोस लेवल को नियंत्रित करता है।
मधुमेह / शुगर को मैनेज करने की आयुष एप्रूव्ड एवं 100% आयुर्वेदिक औषधि ग्लूकोमाइन-एम को आयुर्वेदिक और साइंटिफिक तरीके से कई दुर्लभ और अनमोल जड़ी बूटियों के विशेष समायोजन द्वारा एवं अनुभवी एक्सपर्ट्स की देखरेख में तैयार किया जाता है ।
ग्लूकोमाइन-एम डायबिटीज केयर कैप्सूल्स के नियमित सेवन से मधुमेह / शुगर से होने वाले कई तरह के साइड इफेक्ट्स (जैसे किडनी डैमेज, हृदय सम्बंधित बीमारियाँ, नेत्र में होने वाले दुष्प्रभावों, त्वचा में होने वाले इन्फेक्शन्स) से बचा जा सकता है, यह आपके पैंक्रियास और बीटा सेल्स को एक्टिव रखने में मदद कर सकता है जिसके फलस्वरूप आपकी बढ़ी हुई शुगर लेवल को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
Features of Glucomine-M Capsules (इस दवा की विशेषताएं):
- 100% आयुर्वेदिक इलाज (टाइप1 & टाइप2 दोनों प्रकार की मधुमेह में लाभकारी)
- 100% आयुष द्वारा प्रमाणित औषधि
- 100% रिजल्ट
- कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं
- 15 दिनों में शुगर लेवल कण्ट्रोल में आना शुरू
- 90 दिनों में पूर्ण आराम (कुछ केसेस में 6 महीने तक का समय भी लग सकता है)
- दुर्लभ जड़ी बूटियों का समावेश
- प्राचीन आयुर्वेदिक पद्धति और मॉडर्न साइंस द्वारा तैयार
- कई जरुरी परीक्षण और अनुभवी विषेशज्ञों की देखरेख में तैयार
- नियमित सेवन से मधुमेह / शुगर से होने वाले कई तरह के साइड इफेक्ट्स (जैसे किडनी डैमेज, हृदय सम्बंधित बीमारियाँ, नेत्र में होने वाले दुष्प्रभावों, त्वचा में होने वाले इन्फेक्शन्स) से बचा जा सकता है
- पैंक्रियास और बीटा सेल्स को एक्टिव रखने में विशेष मददगार
डायबिटीज के लक्षण:
- ज्यादा प्यास लगना
- बार-बार पेशाब का आना
- बार-बार भूँख का लगना
- जल्दी थकान होना
- आँखों की दृष्टि कमजोर होना
- घाव और चोंट ठीक होने में ज्यादा वक्त लगना
Ingredient Detail
Jamun (SyziumCumini) (जामुन)- जामुन के बीज में जंबोलीन और जाम्बोसिन नामक एक सहायक पदार्थ होता है। ये दोनों ही प्रकृति में अत्यंत गुणकारी होते हैं। दोनों फाइटो केमिकल्स ब्लड शुगर रिलीज होने की प्रक्रिया को धीमा करने में मदद करते हैं और शरीर में इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाने में सहायक हैं
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Karela (MomordicaCharantia) (करेला): कुछ शोधों और सबूतों के अनुसार, करेले में एंटी डायबिटिक्स प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं। इसमें मौजूद चरनटीन से ब्लड ग्लूकोज़ कम होता है। करेले में पॉली पेप्टाइड -पीयापी -इंसुलिन भी पाया जाता है, जो प्राकृतिक तरीके से डायबिटीज़ को कंट्रोल करता है।
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Awanla (EmbelicaOfficinalis) (आवंला):- आवंला एक बहुत ही जबरदस्त इम्युनिटी बूस्टर फल है लेकिन इसके साथ ही आंवले में क्रोमियम तत्व पाए जाते हैं जो इंसुलिन हारमोंस को मजबूत कर खून में शुगर लेवल को कंट्रोल करते हैं।आवला में पॉलीफेनॉल होता है जो हाई ब्लड शुगर कंट्रोल करता है।
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Fenugreek (Trigonellafoenum-graecum) (मेथी ) :- मेथी के बीज, आहार में घुलनशील फाइबर का एक समृद्धस्रोत होने के कारण रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करके मधुमेह को रोकने में मदद करता है और खराब एलडी एल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में भी मदद करता है।
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Neem (AzadirachtaIndica) (नीम):नीम की पत्तियों में ग्लायकोसाइड्स और एंटीवायरल गुण उच्च मात्रा में मौजूद होते हैं जो आपके ब्लड शुगर लेवल को संतुलित करने में मदद करते हैं।
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Harad (Terminalia Chebula) (हरड़) :- हरड़ या हरित की पेट सम्बंधित विकार जैसे कब्ज, गैस, एसिडिटी को दूर करने के साथ ही ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
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Gokhru (TribulusTerrestris) (गोखरू):-गोखरू में कई घटक होते हैं जो बढ़ी हुई रक्त शर्करा के स्तर को काम करने में मदद करते हैं।
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Bel Phal (Aegle Mermelos) (बेलफल):-ब्लड शुगर नियंत्रित करने में बेल एक महत्वपूर्ण अवयव या कॉम् पोने न्टका काम करता है।
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Baheda (Terminalia Bellirica) (बहेड़ा):-इसमें एंटी ऑक्सीडेंट एंटीइंफ्लामेट्री और एंटीबैक्टीरियल के गुण पाए जाते हैं जो मधुमेह और मोटापे में फायदेमंद होते हैं।
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Vijaysar (PterocarpusMarsupium) (विजयसार):- विजयसार रक्त शर्करा के स्तर को कम करने के साथ ही कोलेस्ट्रॉल को भी सामान्य रखने में मदद करता है।
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