बेल के पत्ते जिससे बीमारिया भी घबराती है| क्या आप जानते है इनसे तो बीमारिया भी दूर भागती है , कोसो दूर ।।
गिलोय क्या है ?
आइये हम आपको बताते है कैसे ।
आपने सोचा होगा बीमारिया भी क्या किस से घबराती है जी है गिलोय !!
- गिलोय अपने आप में एक बड़ी शक्ति है, आयुर्वेदिक पद्धति में टॉप इलाजो में इसका इलाज किया जाता है|
- यह औषधि हमारे स्वास्थ को एक नयी उचाईयो पे ले जाती है ,
- हमे जीवन जीने में उसे सरल बनाने में सहायता प्रदान करती है |
या यू कहे की यह एक चमत्कारी औषधि के रूप में जानी जाती है ,
सबसे पहले गिलोय क्या है? इसका क्या मह्त्व है? यह चमत्कारी क्यों है? इसके बारे में आपको जानकारी देते है|
अमृत क्या है ?
यदि सरल भाषा में कहा जाये तो यह अमृत है |
- यह हम नहीं आयुर्वेद के ज्ञाता , जाने माने लोग , हमारे ऋषि मुनि , हमारी भारतीय संस्कृति कहती है|
- आयुर्वेद में इसका नाम अमृत ही रखा गया है, अब हम इसे पहचाने कैसे ?
यह तो बड़ा साधारण सा प्रश्न है
- अधिकतर लोग तो इससे जानते ही है की बेल कैसा दीखता है|
- हमे बड़े बुजरुगो से इसके बारे में पता चल ही जाता है
- बड़े बुजुर्ग हमे सही तरीके से इसे दिखाते है और समझाते है
- फिर भी यह पर हम इमेज के माध्यम से आपको दिखा रहे है की कैसा दीखता है

बेल के पत्ते
अपने अपने जीवन में किसी ना किसी को पैन खाते तो देखा ही होगा (अमिताभ बच्चन जी – Amitabh bachhan का मशहूर फिल्म डॉन में भी पान का उल्लेख है – खाइये के पान बनारस वाला ) । बेल के पत्ते भी पान के आकर के दिखने में होते है हरे भरे होते है , इनकी पत्तियों में कैल्शियम, प्रोटीन, फास्फोरस पर्याप्त मात्रा में या यू कहे भरपूर मात्रा में मिला होता है यही प्रकृति की देन है , पत्तिया तो ठीक इनके तने भी काम फायदे मंद नहीं है इनमे भी स्टार्च भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो की वात, कफ और पित्त के लिए यमराज का काम करता है , इनमे एंटीबायोटिक और एंटीवायरल भी पाया जाता है
फीवर – बुखार में ये हमारे लिए बहुत ही लाभ कारक है , आज के जामने में जहा बड़ी बड़ी एलोपैथिक दवाइया बुखार को उतरने में असमर्थ होती है वही ४-५ बार इसका काढ़ा पिने से बीमारी बुखार दूर हो जाती है
यहाँ बताई गयी जानकारिया किताबो के अध्यन को संचय और बड़े बुजुर्गो के अनुभवो का ज्ञान लेकर आपको बताई जाती है |
इन सलाहों को लेने से पहले अपने आस पास किसी भी आयुर्वेदिक डाक्टर से सलाह ले |
क्योकि सभी के शरीर में अलग-अलग प्रतिरोधक छमता होती है सभी को अलग अलग मात्रा लेने की जरुरत होती है |
सबको औषधिया अलग अलग तरीके से असर करती है इस कारण से आयुर्वेदिक डाक्टर से परामर्श अवश्य ले !!