सदाबहार – मधुमेह में कारगर
वानस्पतिक नाम – केथारेन्थस रोसियस
कुल – एपोसायनेसी
हिंदी – सदाबहार, सदा सुहागन, बारामासी
अंग्रेजी – परिविंक्ल, मेडागास्कर, ओल्ड मैड
संस्कृत – सदापुष्पी, नित्यकल्याणी
सदाबहार जिसका वानस्पतिक नाम केथारेन्थस रोसियस है, यह एक बहुत सुन्दर फूलों वाला अति महत्वपूर्ण औषधीय गुणों वाला पौधा है। इसको कई तरह के रोगों के उपचार में प्रयोग किया जाता है।
इसकी पत्तियों को नींद कारक की भांति भी प्रयोग करते हैं , नींद न आने की स्थिति में इसकी पत्तियों का मुरब्बा बनाकर अल्पमात्रा में सेवन करना चाहिए।
इसकी पत्तियों के रस को ततैया या मधुमक्खी के दंश होने पर लगाने से अतिशीघ्र आराम मिलता है।
खाली पेट सदाबहार के २ फूल नियमित खाने से उच्च रक्तचाप में लाभ मिलता है।
Posted by Catharanthus roseus on Thursday, November 5, 2015
इसकी लाल और गुलाबी पुष्पों का उपयोग मधुमेह में लाभकारी होता है। आधुनिक विज्ञान भी इन फूलों के सेवन से रक्त में शर्करा की मात्रा में कमी को प्रमाणित कर चुका है। सुबह – सुबह खाली पेट सदाबहार के २ फूल नियमित खाने से ब्लड शुगर को कण्ट्रोल कर सकते हैं। इसको दूसरे तरीके से भी प्रयोग में ला सकते हैं। २ फूलों को एक कप उबले पानी या बिना शक्कर की उबली चाय में डालकर ढककर रख दिया जाता है और फिर इसे ठंडा होने पर पीना चाहिए। इसको रेगुलर लेने से शुगर कण्ट्रोल में लाभ मिलता है।
इसकी पत्तियों को तोड़ने पर जो दूध निकलता है उसे घाव पर लगाने से घाव पर किसी तरह का संक्रमण नहीं होता है और घाव जल्द सूख भी जाता है।