स्तन कैंसर के लक्षणों की जांच महिलाएं खुद कर सकती हैं, ये तो अक्सर बताया जाता है लेकिन जांच के बारे में महिलाओं की जानकारी कितनी सही और कारगर है, ये कहना मुश्किल है.
कॉरीन कहती हैं कि कई मरीज़ स्तन के बारे में बात करना या उनकी तरफ़ देखना नहीं चाहते. लेकिन इस तस्वीर से कम पढ़ी-लिखी महिलाएं भी इसकी समझ हासिल कर सकती हैं.
एरिन को स्तन पर निशान दिखने के बाद स्तन कैंसर के चौथे स्टेज का पता चला. वो कहती हैं कि सोशल मीडिया पर अपने स्तन जैसी मिलती जुलती इस तस्वीर को देखकर उन्हें इसकी जानकारी मिली.
कई लोगों का मानना है कि नींबुओं की तस्वीर एकदम साफ़ और रंगीन है, ये तस्वीर, अक्सर सैकड़ों शब्दों के बीच खो जाने वाली अहम जानकारी को एकदम साफ़-साफ़ सामने रख देती है.
एक चैरिटी संस्था ब्रेस्ट कैंसर केयर के ताज़ा सर्वे में पता चला कि एक हज़ार में से एक तिहाई महिलाएं सामान्य तौर पर स्तन कैंसर के निशान और लक्षणों की जांच नहीं करतीं.
जबकि 96 फ़ीसदी महिलाओं को पता था कि स्तन में गांठ, कैंसर का लक्षण है लेकिन एक चौथाई महिलाएं ये नहीं जानती थीं कि भीतर की ओर दबे हुए निप्पल भी कैंसर का एक लक्षण हैं.
हालांकि दस में से नौ मामलों में स्तन की गांठ कैंसर नहीं होती लेकिन फिर भी डॉक्टर से राय लेना अच्छा होता है.
स्तन कैंसर से महफ़ूज नहीं बुजुर्ग महिलाए भी!
इसके अलावा स्तन में गड्ढे, निशान या फिर निप्पल के स्थान में बदलाव भी कैंसर के लक्षण हो सकते हैं.
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के प्रॉफ़ेसर जयंत वैद्य कहते हैं कि अंडों के डिब्बे में नींबुओं की तस्वीर से लोगों की दिलचस्पी बढ़ती है और आसानी से जानकारी याद रह जाती है.
वो कहते हैं कि स्तन में नसों का फूलना या स्तन में सूजन जैसे लक्षण कम देखने को मिलते हैं जबकि चमड़ी का उतरना, संतरे के छिलके जैसी त्वचा या बड़ी गांठें बढ़े हुए कैंसर की निशानियां हैं.