यह दर्द कई गायनी प्रॉब्लम की वजह से होता है, लेकिन ज्यादातर महिलाएं इसे स्पाइनल पेन मानते हुए इलाज लेती हैं।
फाइबराइड से भी हो सकता है दर्द
- अगर कमर में तेज दर्द के साथ मोशन में परेशानी हो रही है,इसका मतलब ओवरी में ब्लड इकट्ठा होने पर सिस्ट का कलर बदलना है।
- इस सिस्ट की वजह से कमर दर्द रहने के साथ-साथ इन्फर्टिलिटी की रिस्क बढ़ जाती है।
- हालांकि डॉक्टर कहते हैं कि इस स्थिति में कैंसर की जांच कराना भी आवश्यक हो जाता है।
इंफेक्शन भी बन सकता है कमर दर्द की वजह
- कई बार कमर दर्द का एक बड़ा कारण यूट्रस में इंफेक्शन फैलना भी होता है। मेडिकल भाषा में इसे पीआईडी कहते हैं।
- इसकी पहचान सोनोग्राफी के जरिए की जाती है।
- डॉक्टर्स की मानें तो इंफेक्शन होने पर सात से पंद्रह दिन तक ऐटीबॉयोटिक ट्रीटमेंट कराना पड़ता है।
- सिस्ट होने पर उसे दूरबीन से सर्जरी कर निकाल दिया जाता है।
ब्लीडिंग का पैटर्न बदलने पर बॉयोप्सी से जांच करवाएं
- महिलाओं को अगर मासिक धर्म के वक्त होने वाली ब्लीडिंग में कोई बदलाव नजर आता है तो इसे तुरंत डॉक्टर को बताना चाहिए।
- इतना ही नहीं, ब्लीडिंग का पैटर्न बदलने पर बॉयोप्सी से जांच करवाएं।
- इसके अलावा डॉक्टर कमर के पीछे की तरफ कैंसर होने की वजह से भी दर्द होने का दावा करते हैं।